सुना है कि जमाने उसे ठहर के देखते हैं,
ऐसा है, तो आज उसकी बात कर के देखते है
ऐसा है, तो आज उसकी बात कर के देखते है
सुना है उनकी खुशबू से महकती है फिज़ाए,
जब वो अपनी ज़ुल्फें यूँ लहरा कर के देखते है
जब वो अपनी ज़ुल्फें यूँ लहरा कर के देखते है
सुना है हीरे-मोती भी किस्मत पे इतराते है,
जब वो उनको अपने गले लगा कर के देखते हैं
जब वो उनको अपने गले लगा कर के देखते हैं
हिरण भी उनकी हसीन आंखों से जलते है,
सो वो भी उनको उछल के, दश्त भर के देखते है
सो वो भी उनको उछल के, दश्त भर के देखते है
सुना है सियासतदारो में भी चर्चे है,
सुना वो भी उसे शहर में पहरा कर के देखते है
सुना वो भी उसे शहर में पहरा कर के देखते है
फूलों की जगह उनके होंठों के चर्चे है,
इसका इल्ज़ाम बहारो पे धर के देखते हैं
इसका इल्ज़ाम बहारो पे धर के देखते हैं
दिन में भी तितलिया उसे सताती रहती हैं
और रात भर जुगनू उजाले कर कर के देखते हैं!!
और रात भर जुगनू उजाले कर कर के देखते हैं!!
BY SRK Chaturvedi
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